लो आरजू के सूनो अफसाने
मैं वक्त लडका नौजवा
तु मौत लडकी खूबसूरत,
चल ईश्क लडाले
आरजु के अंजुमन में।
तेरी आँखे चुमलू में
मेरी साँसे तु पीले,
सपनो की सेज पे
आ सो ले काहकशाँ में।
तेरी ख्वाहीशों का में दरिया
तुं खलिश, मेरी सरिता
चल आ के झूले,
मेरी महोब्बत के सैलाब में
मौत ने आवाज़ दी –
वक्त चला आया
लो आरजू के सूनो अफसाने,
ख्वाब ले आया हकीकत में…।
– आनन्द ठाकर