शिक्षा: राजकीय व्यक्ति के अभिनव प्रयोग की किताब: बातें नहीं, बापू को १५० वीं जयंती पर सच्चे कार्यों की गिफ्ट।
महज़ एक राजनैतिक दल, राजकीय व्यक्ति, पक्ष, विपक्ष, वाद, प्रतिवाद, मान्यताएं, रूढ़ि, प्रतिभाव, लगाव, लघुताग्रंथी, गुरूताग्रंथी सब एक ओर रख के ये किताब पढ़ो तो जनो की वाकई मेरा देश बदलना है तो नए भारत की शिक्षा में सुधार क्या लाने होंगे। बल्कि मै कहूंगा कि ये किताब अपने आप में आनेवाली शिक्षण नीति का खाका है।
शिक्षक, आचार्य, एस एम सी, एवम् छात्रों के परिवार, ये सब में बदलाव जरूरी है तभी आप एज्युकेशन में परिवर्तन का सकते है। यहां मनीष सिसोदिया साहब ने अपने आप में पढ़े लिखे युवा भारत के राजकीय व्यक्ति कैसा हो उसका उत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया है।
ये किताब में आपने मंत्री के तौर पर परिवर्तन की जो कोशिशें की है उसमें आनेवाली दुविधाएं ये बताती है कि सिस्टम और सियासत के हालात कैसे है।
एक शिक्षक के नज़रिए से ये किताब को और आपके कार्यों को देखता हूं तो कई बातें सीखने को मिली। मेंटर टीचर, हैप्पीनेस क्लास, एंटरप्रिन्योरशिप माइंडसैट, ये तीनों प्रयोग अगर सारा हिंदुस्तान अपना लें तो अब शिक्षा में नए किसी सुधार की जरूरत नहीं है।
आपने कई जरूरी मुद्दों को भी देश के सामने रखा: फिक्स वेतन, आचार्य की पोस्ट, शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पद। सब बातें लिखूंगा तो पूरी किताब यहां उतारनी पड़ेगी।
अंत में अभी आप करना चाहते हैं ऐसे कार्यों की सूची प्रगट की, जिस में पाठ्यक्रम कम करने की बात एवम् परीक्षा सिस्टम का बदलाव, दोनों जरूरी है।
आपके सभी प्रयोग में शिक्षकों को केंद्र में रखा ये बात बहोत ही अहेम है। आज की नीति में वो तो कहीं दिखाई ही नहीं देता। सिस्टम व सियासत शिक्षकों को सम्मान से देखेगा तभी तो प्रजा इसे मानेगी। आपने सभी बदलाव की राय शिक्षक, वाली और छात्र से ली बस वहीं आप पूरे के पूरे मार्क्स ले जाते हों… फुल्ली पास….
ये किताब पढ़ रहा तो मेरे ज़हन में दो बातें थी एक तो … मानों मुझे ये बात करनी थी… येस .. यहीं मै भी कहेना चाहता हूं। – ऐसा महेसुस हुआ। दूसरी बात ये कि मैंने शिक्षा पे गांधीजी की चार किताबें पढ़ी है, लगा… हां, बापू अगर होते तो यहीं चाहते।
चलो, धन्यवाद, बापू की १५० वी सालगिरह पर भारत के किसी जगह पर उन के विचार फिर से बोए जा रहे हैं और वो भी सही दिशा में.. वाकई में.. भारत माता मनीष सिसोदिया जैसे शिक्षा मंत्री हरेक राज्य को दें …..
🇮🇳 ।। जय हिन्द ।। 🇮🇳